एक नजर में
क्षेत्र के प्राचीनतम ज्ञात जन जातिय निवासियों को दास कहा जाता था । बाद में आर्य आये और वे जनजातियों में रहने लगे । बाद की शताब्दियों में, पहाड़ी सरदारों ने मौर्य साम्राज्य, कुषाण, गुप्त और कन्नौज शासकों का अधिराज्तव स्वीकार किया । मुग़ल साम्राज्य के दौरान, पहाड़ी राज्यों के राजाओं ने परस्पर सहयोग से ऐसी व्यवस्था बनाई जिससे उनके संबंध प्रगाढ़ हुए । 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने बहुत से राज्यों को अपने अधीन कर लिया। अंग्रेज जब भारत आये तो उन्होंने गोरखाओं को पराजित किया, बाद में कुछ राजाओं के साथ उन्होंने संधियाँ की और अन्य राज्यों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया । 1947 ई तक स्थिति लगभग वैसी ही बनी रही । स्वतंत्रता के पश्चात क्षेत्र की 30 पहाड़ी रियासतों को एकजुट करके 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश की स्थापना की गयी । 1 नवम्बर 1966 को पंजाब के अस्तित्व में आने पर कुछ अन्य सम्बंधित क्षेत्रों को हिमाचल में मिला लिया गया । 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया । राज्य उत्तर में जम्मू-कश्मीर से, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब से, दक्षिण में हरियाणा से, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड से तथा पूर्व में तिब्बत(चीन) की सीमाओं से घिरा है।
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अक्षांश: |
30⁰ 22' 40" न से 33⁰ 12' 40" न |
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देशांतर: |
75⁰ 45' 55" इ से 79⁰ 04' 20" इ |
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ऊंचाई(समुद्र तल से): |
350 मी से 6975 तक |
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जनसंख्या(2011 जनगणना): |
68,64,602 व्यक्ति |
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पुरुष: |
34,81,873 |
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महिलाएं: |
33,82,729 |
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भौगोलिक क्षेत्र (2011): |
55,673 वर्ग कि.मी. |
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घनत्व(प्रति वर्ग किमी)(2011): |
123 |
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1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाएं(2011): |
972 |
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जन्म दर(प्रति 1000): |
15.7 |
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मृत्यु दर(प्रति 1000): |
6.9 |
हिमाचल प्रदेश जनगणना की अधिक जानकारी
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राज्य की राजधानी: |
शिमला |
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जिलों की संख्या: |
12 |
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तहसीलों की संख्या: |
114 |
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मण्डलों की संख्या: |
3 |
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उप-मण्डलों की संख्या: |
82 |
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पुलिस थानों की संख्या: |
162 |
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ब्लाकों की संख्या: |
88 |
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शहरी स्थानीय निकायों की संख्या: |
61 |
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ग्राम पंचायतों की संख्या: |
3615 |
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गांवों की संख्या: |
20752 |
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कस्बों की संख्या: |
61 |
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संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या: |
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लोक सभा: |
4 |
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राज्यसभा: |
3 |
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विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या: |
68 |
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प्रति व्यक्ति आय (वर्तमान दरों पर) [2019-20]: |
रु. 195255 |
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साक्षरता [2011]: |
82.80 % |
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पुरुष: |
89.53 % |
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महिलाएं: |
75.93 % |
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कुल गांवों में बिजली: |
100 % |
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स्वास्थ्य संस्थाएं: |
3919 |
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सड़कें: |
37624 कि. मी. |
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खाद्यान उत्पादन: |
1619 मीट्रिक टन |
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फलों का उत्पादन: |
928787 टन |
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लिंग अनुपात: |
972 |
भूमि उपयोग पैटर्न
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असल बीजाई योग्य क्षेत्र: |
543365 हेक्टर |
वन आवरण [1996-97]
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सुरक्षित वन क्षेत्र: |
1897.87 वर्ग कि.मी. |
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संरक्षित वन क्षेत्र: |
33129.7 वर्ग कि.मी. |
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अवर्गीकृत क्षेत्र: |
886.23 वर्ग कि.मी. |
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अन्य वन क्षेत्र: |
369.49 वर्ग कि.मी. |
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वन विभाग के नियन्त्रण रहित वन: |
749.58 वर्ग कि.मी. |
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वन्यजीव अभयारण्य की संख्या: |
26 |
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औसत वर्षा |
1251 मि.मी. |
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राज्य पशु: |
बर्फानी तेंदुआ |
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राज्य पक्षी: |
जुजुराना |
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राज्य फूल: |
गुलाबी बुरुंश |
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राज्य भाषा: |
हिंदी, स्थानीय बोलियाँ |
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मुख्य नदियाँ: |
सतलुज, व्यास, रावी, पार्वती |
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मुख्य झीलें: |
रेणुका, रिवालसर, खाजिआर, डल, व्यास कुंड, भृगु पराशर, मणिमहेश, चंद्रताल, सुरजताल,
सिरलोसर गोविन्दसागर, नाको
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