पूर्व और आद्य इतिहास


करीब 20 लाख वर्ष पूर्व इंसान हिमाचल प्रदेश की तलहटी में रहता था, इनमें बंगाना घाटी काँगड़ा, सिरसा घाटी नालागढ़ और मारकंडा घाटी सिरमौर थी। राज्य की तलहटियों में सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग रहते थे जो सभ्यता 2250 से 1750 ई पूर्व तक फली फूली। सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों ने कोलोरियन के नाम से जाने जाते थे उन्हें गंगा के मैदानों से उत्तर की ओर धकेला जहाँ वे हिमाचल प्रदेश की चोटियों की ओर बढ़े जहाँ वे शांति से अपने जीवन का निर्वाह कर सकते थे।

वेदों में इन्हें दासा, दस्यु और निषाद के नाम से जाना जाता था जबकि कुछ समय के बाद वे किन्नर, नागा और यक्ष के नाम से जाने गये। कोल और मुंडा हिमाचल की चोटियों पर निवासी होने वाली मूल जाती थी।

दूसरे चरण के विस्थापितों में मंगोल थे जिन्हें भोटा और किरात के नाम से जाना जाता था। तीसरे व अत्यंत महत्त्वपूर्ण चरण आर्यों का विस्थापन हुआ जिन्होंने मध्य ऐशिया के घरों को छोड़ कर हिमाचल प्रदेश के इतिहास की नीव रखी।